ओमप्रकाश वाल्मीकि कविता 'जूता'
'जूता' कविता
ओमप्रकाश वाल्मीकि एक ऐसा नाम है जो अपने रचनाकर्म से गहराई तक हमे प्रभावित करता है | इनका साहित्य चाहे वह कहानी हो या फिर कविता हो आदि सब में किसी भी प्रकार का दुराव-छिपाव दिखाई नही देता तो इस लिहाज से इनका साहित्य एक 'सत्य साहित्य' की श्रेणी में आता है | (जूता) यह कविता एक साथ वर्तमान, अतीत और भविष्य की चेतना और संवेदना के सन्दर्भ में आज भी प्रसांगिक है |
मेरी आँखे सोचने का काम करती है तो इसलिए आप भी देखिये और सोचिये |
- वसीम
Waahhhhhh.. speechless..keep it up Rahul..
ReplyDeleteThankssss Smita di😊😊😊
DeleteExcellent Presentations.
ReplyDeletethank u sir :)
Deletedhnywaad
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